एक ही दिन में यह स्टॉक 66 प्रतिशत से अधिक गिर गया, आखिर ऐसा क्या संकट आया कि इसकी कीमत 268 रुपये से घटकर 90 रुपये पर आ गई?
लार्जकैप कंपनी आदित्य बिरला फैशन के स्टॉक में तीव्र गिरावट देखने को मिल रही है। गुरुवार को इस स्टॉक में 66 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गई। यह बुधवार को 268 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।
नई दिल्ली:
आदित्य बिरला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड के स्टॉक में अद्भुत गिरावट आई है। गुरुवार को इसने 66 प्रतिशत के ऊपर की कमी दिखाई। बुधवार को इसका बंद भाव 268 रुपये था, लेकिन बाजार खुलने के बाद इसकी कीमत 98 रुपये पर ओपन हुई और कुछ समय बाद यह 90 रुपये
क्या है कारण?
शेयर की कीमत में यह भारी गिरावट इसलिए आई क्योंकि आदित्य बिरला लाइफस्टाइल ब्रांड्स लिमिटेड (ABLBL) को आधिकारिक रूप से मूल कंपनी से अलग कर दिया गया। इस प्रक्रिया को डीमर्जर कहा जाता है।
इस गिरावट को सिर्फ उस कंपनी के मूल्य में एक तकनीकी सुधार माना जा सकता है, जिसे विभाजित किया गया है। इसका मतलब यह नहीं है कि आदित्य बिरला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड (ABFRL) का व्यवसाय कमजोर हो गया है।
इस डीमर्जर के तहत, जो भी व्यक्ति 22 मई तक ABFRL का एक शेयर रखता है, उसे ABLBL (नई कंपनी) का एक शेयर मिलेगा। अगर कोई निवेशक एक्स-डेट पर या इसके बाद के समय में ABFRL के शेयर क्यों खरीदेगा, तो उसे नई कंपनी के शेयर प्राप्त नहीं होंगे। ABLBL को जून के मध्य से अंत तक NSE और BSE पर लिस्ट किए जाने की उम्मीद है, जब सभी आवश्यक अनुमतियां मिल जाएंगी।
यह विभाजन कंपनी को दो अलग-अलग, लक्षित व्यवसायों में विभाजित कर देगा। इनमें से एक परिवर्तित कंपनी ABLBL, भारत के अग्रणी लाइफस्टाइल और वेस्टर्न वियर ब्रांड्स जैसे लुई फिलिप, वैन ह्यूसेन, एलन सोली, पीटर इंग्लैंड, अमेरिकन ईगल और रीबॉक को संभालेगी।
मूल कंपनी ABFRL, TCNS के अधीन अपने वैल्यू फैशन ब्रांड्स जैसे पैंटालून्स और प्रीमियम एथनिक वियर लेबल का प्रबंधन जारी रखेगी। यह अब भी सब्यसाची, तरुण तहिलियानी, मसाबा और शांतनु निखिल जैसे हाई-एंड डिज़ाइनर ब्रांडों को बनाए रखेगी। इसके साथ ही, ABFRL गैलरीज़ लाफ़ायट के माध्यम से लक्जरी रिटेल मार्केट में अपनी उपस्थिति को मजबूत बनाए रखने की योजना बना रही है।
यह विभाजन एक कानूनी प्रक्रिया के तहत होगा, जिसे NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूपनल) के अंतर्गत व्यवस्था योजना के रूप में जाना जाता है। जब प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो ABFRL के शेयरधारकों को ABFRL और नई कंपनी ABLBL में समान हिस्सेदारी मिलेगी। इसलिए, शेयरधारकों को किसी मूल्य का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा, क्योंकि वे अब दो अलग-अलग कंपनियों के शेयरों के मालिक होंगे।
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