दिल के लिए तीन सबसे मुख्य खतरे, जिनका हार्ट अटैक से है सीधा संबंध! डॉक्टर की चेतावनी
आधुनिक जीवनशैली और खान-पान के बदलते तौर-तरीके ने हमारी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाला है और इस परिवर्तन का सबसे बड़ा असर हमारे दिल पर पड़ा है। हाल के वर्षों में दिल के दौरे की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जो खासकर युवाओं के लिए चिंताजनक है। अपोलो अस्पताल के एक कार्डियोलॉजिस्ट ने हाल ही में दिल के तीन प्रमुख दुश्मनों की पहचान की है, जो हार्ट अटैक के खतरे से बिना संदेह जुड़े हुए हैं। उनका मानना है कि यदि इनसे बचाव नहीं किया गया, तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
डॉक्टर के अनुसार, दिल का सबसे बड़ा दुश्मन अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर है, जिसे अक्सर 'साइलेंट किलर' कहा जाता है। इसकी पहचान शुरुआती चरणों में करना मुश्किल होता है क्योंकि इसमें कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देते। लोग सामान्य महसूस करते रहते हैं, जबकि उनका ब्लड प्रेशर लगातार ऊंचा होता जा रहा होता है, जिससे नसों को नुकसान पहुंचता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। डॉक्टर ने बताया कि नियमित स्वास्थ्य जांच करना इस समस्या से बचने का एकमात्र तरीका है, क्योंकि बिना लक्षणों के भी यह दिल को प्रभावित कर सकता है।
दूसरा खतरा है
हाई कोलेस्ट्रॉल। हमारी दिनचर्या में जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और अधिक फैट वाले खाद्य पदार्थ शामिल होने से यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। यह नसों में प्लाक के रूप में जमा होकर उनकी चौड़ाई कम कर देता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है। ये प्लाक जब टूटते हैं, तो खून के थक्के बनाते हैं, जो हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। डॉक्टर ने सलाह दी कि स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों का सेवन, जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन, इस समस्या से बचने के लिए अनिवार्य हैं।
तीसरा खतरा है
अनियंत्रित डायबिटीज। जब डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर लेवल लगातार उच्च रहता है, तो यह रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। यह हृदय की नसों की सेहत को भी प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरूप वे कठोर और संकुचित हो जाती हैं। डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम नॉन-डायबिटिक लोगों की तुलना में काफी अधिक होता है।
समाधान क्या हैं?
अपोलो के विशेषज्ञ चिकित्सक ने इन तीनों खतरों से बचने के लिए कुछ जरूरी उपाय भी सुझाए हैं:
नियमित जांच
: अपने ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर का नियमित परीक्षण करवाएं।
स्वस्थ आहार: प्रोसेस्ड फूड, अधिक नमक, चीनी और अस्वास्थ्यकर फैट से बचें। अपनी डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें।
नियमित व्यायाम: प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करें।
डिस्क्लेमर: प्रिय पाठक, हमारी इस रिपोर्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद। यह जानकारी केवल जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदान की गई है। इसे लिखने में सामान्य जानकारी का आधार लिया गया है। आपको किसी भी स्वास्थ्य विषय पर पढ़ते समय पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
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